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Bhãgyshree Saini

Inspirational

3.9  

Bhãgyshree Saini

Inspirational

मां

मां

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क्या लिखूं उनके लिए जिन्होंने ही लिखा है मुझे

पर 

फिर भी कुछ......लिखती हूं मैं


जिसने हमें नौ महीने कोख में रखा

प्रसव का दर्द जिसने सहा

वो है मां....

बचपन में अपना काम छोड़कर

जिसने हमें समय दिया

वो है मां....

जब हम बड़े हुए तो

एक दोस्त की तरह हमारे साथ रही

वो है मां.....

दुनिया की बुरी नजर से बचाने के लिए

काला टीका जिसने हमें लगाया 

वो है मां........

हर पल रक्षा कवच बनकर जो हमारे साथ रह

वो है मां......

स्वयं परेशानी में रहकर भी, हमें 

परेशानी का अहसास ना होने दिया

वो है मां...

हमारे सपनों को पूरा करने के लिए 

अपने सपनों को भूल गई 

वो है मां.....

परीक्षा के समय रात भर जागने पर 

दूध चाय जिसने बनाई

वो है मां....

परीक्षा के समय दही गुड़ खिलाकर 

जिसने हमें शुभकामनाएं दी

वो है मां.....

अपने बच्चों की खुशी के लिए 

जो पूरी दुनिया से लड़ गई

वो है मां.....


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