सफलता
सफलता
इंसान
बता तू
कहाँ खोया है
पहचान
अपनी शक्तियाँ
जागृत कर
मन को
और बन जा
सैलाब
मोड़ दे नियति
प्रकृति की
और बन जा
बादल
घटा बनकर
बरस तू
खुशियों की तरह
कदम बढ़ा
स्वावलम्बन
की ओर
परीक्षा की तैयारी कर
सार्थक ही होंगे
परिणाम
और परिणाम की
चिंता ही क्यों
बस करना होगा
मन से प्रयास
और अगर
क्षमता
नहीं तुझ में
तो मान ले
अपनी हार
या
अगर पूरा करना है
"सपना" तो
स्वावलंबी बन
ख्वाब बुन
न संकोच कर
जुट जा
ताने-बाने
के साथ
और
साथ में
मन का विश्वास
लेकर
सफलता होगी
कदमों में
तेरी
आज नहीं
तो
कल........!
