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Anita Mandilwar Sapna(world record holder)

Inspirational Others

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Anita Mandilwar Sapna(world record holder)

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मिनीमाता' (फरवरी 3)

मिनीमाता' (फरवरी 3)

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'मिनीमाता'


छत्तीसगढ़ की 

धरती में 

नाम ऐसे हैं बहुत 

जो बने सबकी प्रेरणा 

जीवन अर्पित किया 

सेवा में  

उनसे से ही 

एक नाम है 

मिनीमाता का

जन्म असम में हुआ 

सन् था 1913 वह 

मूल नाम मीनाक्षी 

उनका था 

जानी जाती हैं 

मिनीमाता नाम से 

माँ का नाम था मतीबाई 

जब पड़ा अकाल तो 

पलायन कर 

मिनीमाता के दादाजी 

छत्तीसगढ़ के 

मुंगेली ग्राम में 

आ गए 

बचपन की 

सातवीं कक्षा तक 

शिक्षा हुई 

असम में उनकी 

मैट्रिक तक की शिक्षा 

छत्तीसगढ़ में पूरी हुई ।


उन्हें बहुत अच्छा 

ज्ञान था भाषा का

हिन्दी, अंग्रेजी, बांग्ला 

छत्तीसगढ़ी का

विवाह हुआ उनका 

गुरु अगम दास से

1932 में 

साधारण परिवार में 

जन्मी एक कन्या 

गुरु पत्नी बनी

माता पद को प्राप्त हुई

उसके बाद मिनीमाता 

गुरु के साथ

छत्तीसगढ़ वापस आई 

मिनीमाता का

शुरु हुआ

राजनीतिक जीवन

सेवा कार्य की ओर 

हुई उन्मुख ।


मिनीमाता ने

1955 उपचुनाव जीता

गर्व प्राप्त हुआ 

सर्वप्रथम महिला सांसद 

बनने का 

1957 में पुनः 

संयुक्त संसदीय क्षेत्र 

रायपुर बिलासपुर 

और दुर्ग से जीतकर 

बनी सांसद 

1967 में 

जांजगीर संसदीय 

क्षेत्र से जीती 

ज्यादा मत प्रतिशत 

के साथ 

गुरु पदाधिकारी थे 

राष्ट्रीय कांग्रेस में 

मिनीमाता होती थी

हर दौर में साथ ।


गुरु संविधान सभा के

थे अध्यक्ष 

उनका निधन हो गया

1952 में 

तब जनपद की 

सदस्य थी मिनीमाता 

दलित वर्ग संघ की

थी उपाध्यक्ष भी

छत्तीसगढ़ 

मजदूर संघ का 

किया गठन

मिनीमाता एक

कर्मठ महिला थी

बाद में उन्होंने 

बाल विवाह

छूआछूत

गोवध का 

विरीध किया

अस्पृश्यता 

निवारण विधेयक

संसद में  

प्रस्तुत करवाने में 

निभाई थी 

अहम भूमिका ।


मिनीमाता ने 

और कई काम किए

सराहनीय कार्य 

अपने जीवन में 

पिछड़ापन 

छुआछूत, गरीबी 

अशिक्षा को 

दूर करने के लिए 

पूरा जीवन 

किया समर्पित 

मजदूरों के 

उत्थान के साथ 

नारी शिक्षा के लिए 

काम किया 

कृषि और 

सिंचाई के लिए 

हसदेव बांध परियोजना भी 

उनकी दूरदृष्टि का 

परिणाम है 

भिलाई इस्पात संयंत्र में 

लोगों को प्रशिक्षण 

और रोजगार 

कराने की दिशा में 

कार्य किया 

ग्रामीणों में 

स्वच्छता का 

संदेश भी दिया ।


वह कालरात्रि 

भी आई 

सन 1972 में 

जब अर्धरात्रि में 

मिनीमाता 

दिल्ली से रायपुर 

आ रहे थी

दुर्घटना में 

उनका दुखद 

निधन हो गया 

छत्तीसगढ़ 

राज्य सरकार द्वारा 

मिनीमाता के नाम 

कुछ सुविधाएं 

संचालित की हैं 

उनके नाम पर 

छत्तीसगढ़ विधानसभा 

का नाम है 

राज्य अलंकरण 

पुरस्कार 

प्रतिवर्ष महिलाओं के 

उत्थान के लिए 

मिनीमाता महिला 

उत्थान सेवा पुरस्कार 

प्रदान किया जाता है 

धन्य धन्य आप मिनीमाता 

आप को शत-शत प्रणाम ।



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