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Anil Jaswal

Inspirational

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Anil Jaswal

Inspirational

2021 तू था नटखट

2021 तू था नटखट

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हुई शुरुआत,

बड़ी शोर गुल से,

खूब चली पार्टी रात भर,

आखिर हुआ जन्म,

पधारा 2021।


सब ठीक था,

लेकिन पड़ोसी मुल्क की नादानी,

पड़ गई सबको महंगी,

फैली महामारी,

लग गया लोकडाऊन,

सब कुछ रूक गया,

मानो समय भी थम गया,

आखिर विज्ञानिक आए काम,

बना डाली वैक्सिन,

लगने लगी सबको,

हुई आत्म विश्वास में वृद्धि।


लेकिन हो गये काम धंधे बंद,

जो था वो भी हो गया खर्च,

आ गया कठिन समय,

लगने लगा,

हूं किसी ओर दुनिया में,

आखिर एक किताब लिख डाली,

कुछ निराशा खत्म हुई।


लेकिन लोगों के हुजूम,

निकलने लगे सड़कों पर,

जैसे यातायात हो गया हो नष्ट,

न कोई खाने पीने की व्यवस्था,


सब भूखे प्यासे पहुंचे घर,

बहुत हुआ कष्ट,

मन में आया विचार,

अगर हो जाए,

कहीं मेरे साथ,

तो क्या करूंगा,

परंतु भगवान,

शायद मेरे से प्रसन्न था।


फिर आया ओलंपिंकस,

पहले थी अनिश्चितता,

ठीक ठाक हो पाएगा,

आखिर जापानीयों का अनुशासन,

करवा पाया,

हमने भी खूब लूत्फ उठाया।


परंतु एक बात बहुत गलती थी,

जब लाशें,

नदीयों में तैरती थीं,

क्या हम इंसान,

इतने गये गूजरे हो गये,


अपनो की विदाई से भी,

वंचित रह गये,

परंतु काल का अपना खेल,

इसके आगे उपर वाला भी विवश।


आखिर पहुंचे दिसंबर में,

सबकुछ धीरे धीरे,

वापस पटरी पर आ रहा था,

हो गया हैलिकॉप्टर क्रैश,


देश ने खोए वीर सैनिक,

फिर से भाग्य पे आया गुस्सा,

क्यों ये देवताओं की भूमि को,

इतना तकलीफ में डालता।


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