युवा चिंगारी।
युवा चिंगारी।
एक चिंगारी उठी,
उडीपी कर्नाटका से,
वहीं पढ़ी लिखी,
महीपाल युनिवर्सिटी से,
बीटैक मिकैनिकल किया,
वहां टैक्निकल स्टूडेंट सैक्रेटरी बनी,
हैकाथन डीजीटल का विचार दिया,
और अच्छी धाक जमाई।
फिर आक्सफोर्ड के बारे में पढ़ा,
मालूम हुआ,
युनिवर्सिटी नंबर वन है,
वहां जाने का सोचा,
लेकिन परिवार में कोई नहीं गया था,
अपने यारों दोस्तों से पुछा,
आखिर कंपीटीट किया।
माना जाता है,
भाग्य हमेशा हिम्मत करने वाले का,
साथ देता।
चुनी गई,
और आक्सफोर्ड में प्रवेश मिला।
फिर आक्सफोर्ड स्टूडेंट्स यूनियन का,
चुनाव आया,
हिम्मत करके भरा।
उपनिवेशवाद, कोविद, शिक्षा में सुधार के नाम से,
चुनाव लड़ा।
उम्मीद जीतने की नहीं थी,
परंतु काफी मतों से,
विजयी हुई।
उसके विरुद्ध,
तीनों प्रतिभागीयों के मत,
उसके मतों से कम थे।
आखिर प्रैजिडैंट,
आक्सफोर्ड स्टूडेंट्स यूनियन बनी।
लेकिन पांच दिन में ही,
त्यागपत्र दिया।
नस्लवाद से तंग आईं,
बहुत लड़ी,
परंतु अन्याय सह न पाई,
ये हैं,
हमारे देश की होनहार सुपुत्री,
रश्मि सामंत।
पहली भारतीय महिला,
आक्सफोर्ड स्टूडेंट्स यूनियन की प्रधान।