दुआओं की गुल्लक
दुआओं की गुल्लक
दिखाई देगी जब जन्नत बुजुर्गो की दुआओं में,
फिजाए लोरियाँ बन कर खुशी के गीत गाएगी।
माँ-बाप को तुलसी,पीपल की तरह मानो
इन्हीं को देवता मानो,इनकी को पूजनीय मानो।।
बुजुर्ग कल्पवृक्ष जैसे रहिए इनकी छाँवो मे
संस्कारो की महक घर मे चारो ओर से आएगी।
पीढी दर पीढी विरासत आशीर्वाद पाएगी।
बुजुर्ग अनमोल तोहफे है, रहिए इनकी छाँवो में
खुशियों का खजाना इनके दिलों में है।
फूलों से नाजुक इनके दिल होते हैं।
बुजुर्गों के आशीर्वाद संकट हर लेते हैं।
शांति की तरंगों से घर महकते हैं।
बुजुर्ग के आशीर्वादों से घर संपन्न होते है।
इनके चरणों का स्पर्श करने से तीर्थ का फल मिलता है।
सुख ,समृद्धि मिलेगी भरपूर,
जब शुद्ध आचरण से ,परवरिश की जाएगी।
नव पीढी आदर भाव से पूर्ण होगी।
जब वाणी से अमृत रस पान की अनुभूति होगी।
घर छोटा हो या बड़ा कोई बात नहीं
बुजुर्गों की दुआओं की महक जरूरी है ।
कोई मुश्किल जीवन मे तुम्हे ना डरायेगी।
बड़ों की छत्र छाया आशीर्वाद से संकट दूर हो जाएगे।
मिलेगी सुख समृद्धि, जीवन में अपार
सफलता और शांति मिलेगी।