Shamim Shaikh
Inspirational
देश की आज़ादी के लिए
कर लो चाँद फ़...
जन्म दिन मुबा...
परिश्रम ही पू...
बचपन का सफ़र!
मुकम्मल मौत
ईद आने वाली ह...
हॅपी बर्थ-डे ...
वन्दे मातरम!
जो निकले इसमें आगे वही दे धर्म का दान। जो निकले इसमें आगे वही दे धर्म का दान।
आपकी ये सच्ची मेहनत ज़रूर रंग लायेगी सारी उमंगे फिर से लौटकर आएगी आपकी ये सच्ची मेहनत ज़रूर रंग लायेगी सारी उमंगे फिर से लौटकर आएगी
एकरसता बोझिल करती है-षट्-रस आनंदित हैं करते, एकरसता बोझिल करती है-षट्-रस आनंदित हैं करते,
शीतलता अब रही नहीं उष्णता फैल रही है छाया दूर हो गई है शीतलता अब रही नहीं उष्णता फैल रही है छाया दूर हो गई है
ना है कोई फर्क पंछी इंसान में, है घर सबका यहीं. ना है कोई फर्क पंछी इंसान में, है घर सबका यहीं.
सोना है भारत की भूमि।। सोना है भारत की भूमि।।
सच में तुम मुझसे अलग हो मैं तुमसे अलग हूँ। सच में तुम मुझसे अलग हो मैं तुमसे अलग हूँ।
धार एक आधार हजारों जीवन का आधार है बेटी धार एक आधार हजारों जीवन का आधार है बेटी
हर जाबाज को देना पूरा , सम्मान बाकी है।। जय हिंद ! हर जाबाज को देना पूरा , सम्मान बाकी है।। जय हिंद !
बात तो तब है , चमत्कार कोई जो तुम दिखलाओ बात तो तब है , चमत्कार कोई जो तुम दिखलाओ
आँखों से हँसना सीख लिया हमने जीना सीख लिया। आँखों से हँसना सीख लिया हमने जीना सीख लिया।
तुम मूर्त रूप में भी हो, तुम्हारे मल मूत्र से जीवन की धड़कन पाई तुम मूर्त रूप में भी हो, तुम्हारे मल मूत्र से जीवन की धड़कन पाई
नादान तूने नियति के नियमों को तोड़ा है नादान तूने नियति के नियमों को तोड़ा है
आस की बूंदें मचलकर धरा पर जब पड़ी मचल उठा मन का मयूरा अवनी भी खिल पड़ी। आस की बूंदें मचलकर धरा पर जब पड़ी मचल उठा मन का मयूरा अवनी भी खिल पड़ी।
सबल श्रमिक हम वसुंधरा के, जगमग हिंदुस्तां,जब तलक हम हैं ।। सबल श्रमिक हम वसुंधरा के, जगमग हिंदुस्तां,जब तलक हम हैं ।।
यह मुश्किल दौर भी गुजर जाएगा कोरोना का कहर थम जाएगा। यह मुश्किल दौर भी गुजर जाएगा कोरोना का कहर थम जाएगा।
मानवता का मूल सिखाती सभ्यता हैं विकास हैं किताबें। मानवता का मूल सिखाती सभ्यता हैं विकास हैं किताबें।
समय की गति न रूकती उम्र बढ़ती है, नहीं घटती समय की गति न रूकती उम्र बढ़ती है, नहीं घटती
कोई रंग भरने, जीवन में तेरे, बाहर से नहीं आएगा। कोई रंग भरने, जीवन में तेरे, बाहर से नहीं आएगा।
फिसलते मुट्ठी भर वक्त रोक न सका। फिसलते मुट्ठी भर वक्त रोक न सका।