दोहे
दोहे
परहित की शुभ भावना, जीवन का है मर्म।
शिवम शुभम ही सत्य है, सेवा है सत्कर्म।।
सकल साधना से मिले, जीवन में सुख धाम।
तन - मन से सेवा करें, मिल जाएंगे राम।।
शिवम साधना प्रीत से, बन जाए सब काम।
मधुर मिलन संगीत से, सज जाए शुभ शाम।।
संघर्षों के मार्ग जो, करते हँसकर पार।
सतत परिश्रम साधना, जीवन का है सार।।
