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Ruchika Rai

Inspirational

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Ruchika Rai

Inspirational

बेटियाँ

बेटियाँ

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कोमल हैं ,नहीं कमजोर बेटियाँ,

भावनाओं पर रखो जोर बेटियाँ,

सीमा में मत बाँधो तुम खुद को,

खुद की रक्षक बनो बेटियाँ।

तुम गौरव हो अपने परिवार की,

तुम प्रतिमूर्ति हो सदव्यवहार की,

जुबां अपनी तुम खोलो बेटियाँ,

फर्क न हो कभी जीत हार की।

बेटी बहु मॉं सास ननद भाभी,

हर रूप में तुम आस बनो बेटियाँ।

इस घर से उस आँगन तक की

तुम सदा ही उजास बनो बेटियाँ।

पढ़ लिखकर तुम नभ को छुओ,

जमीन पर पैर तुम्हारे जमे रहे ।

संस्कृति की रक्षक बन उन्मुक्त जिओ,

तुम्हारा अस्तित्व एक नई कहानी गढ़े।

पढ़ लिखकर तुम बढ़ो बेटियाँ,

नये कीर्तिमान तुम गढो बेटियाँ

व्यर्थ के बातों में तुम मत उलझो,

उलझनों से नही डरो बेटियाँ।


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