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Ganesh Chandra kestwal

Inspirational

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Ganesh Chandra kestwal

Inspirational

आह्वान

आह्वान

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हिम शुभ्र मुकुट है जिसका, वह प्यारा देश हमारा है।

सागर ने जिसके चरणों को, सदा सदा पखारा है।।

उस भारत माता ने सबको, मन से आज पुकारा है ।

आह्वान को मातृभूमि के, कविता में मैंने उतारा है।।


ध्यान से सुनो सभी, देश का आह्वान है।

श्रेय पथ चलो सदा, सबका अभिमान है। 

सब की आन और बान, तिरंगा महान है।

यह नहीं झुके कभी, चाहे जाय जान है।।


राष्ट्र रक्षा के लिए, सीमा पे जवान हैं।

आ न जाय आँच कोई, करे आत्म दान हैं।

अखंड देश के लिए, करे जो बलिदान हैं।

देशभक्त वीर वे, विश्व में महान है।।


उनकी वीरता का जग, करता गुणगान है। 

कीर्ति काय पाते वे, बनते गुण निधान हैं।

शक्ति राष्ट्र की बढ़ाने, खेत में किसान हैं।

जिनके श्रमबिंदुओं से, पले सब के प्राण हैं।।


उनकी राष्ट्रभक्ति को, कोटि मम प्रणाम हैं। 

सदा उन्हें खुशी मिले, सभी का यह काम है। 

श्रम-वीर ज्ञान-वीर, कर्म में जुटे रहें।

उनकी कर्मशीलता, रहस्य श्रम का कहे।।


देवतुल्य नर महान, सेवा धर्म मानें शान।

रुग्ण की बचाए जान, महावीर वे महान।

नेता राष्ट्रभक्त वे, समस्त स्वार्थ त्याग दें।

सेवा कार्य के लिए, सभी सुखों को बार दें।।


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