चाचा नेहरू
चाचा नेहरू
मोती के घर का शुचि मोती, बाल जवाहरलाल थे।
आनंद भवन में खिलने वाले, फूल वे बेमिसाल थे॥
चाँदी की चम्मच ले जन्मे, भारत माँ के लाल थे।
ब्रिटिश सत्ता काटने वाले, बने हुए महाकाल थे ।
हर बच्चे के दिव्य कोश का, बेशकीमती लाल थे।
आनंद भवन में खिलने वाले, फूल वे बेमिसाल थे॥
अतुल प्यार करते बच्चों से, उनके कंठ के हार थे।
चाचा कहते बच्चे उनको, उनके दिल के तार थे ।
हर पन्ना इतिहास बताता, चलते अनुपम चाल थे ।
आनंद भवन में खिलने वाले, फूल वे बेमिसाल थे॥
अद्भुत भेंट उन्होंने बाँटी, बाल दिवस वह आज है।
बच्चों के उर हिम्मत बाँधे, कैसा अनुपम राज है ।
उर से सुमन चढ़ाएँ उनको, जो मोती के लाल थे।
आनंद भवन में खिलने वाले, फूल वे बेमिसाल थे॥
