देवभूमि उत्तराखंड
देवभूमि उत्तराखंड
॥ॐ श्री वागीश्वर्यै नमः॥
देवभूमि उत्तराखंड
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देवयूथ जहँ विचरण करते।
भक्तजनों की झोली भरते।
देवभूमि है जग में न्यारी।
दर्शन चाहती दुनिया सारी।।
मातृभूमि हमको नित भाती।
शोभा जाकी जगत लुभाती।
हिम से धवलित शृंग सुहाते।
अतुलित मान जगत में पाते।।
चारों धाम महासुख दाता।
दर्शन कर नर वांछित पाता।
थान मान दोनों है ऊँचे ।
आशिष पाने की नित सोचें।।
ताल मनोहर यहाँ सुहाते।
जन मन को वे सदा लुभाते।
कोमल बुग्याल मन को भाते।
पशुधन उनमें चरने जाते।।
प्रयागों की महिमा जानें।
केदारों को भी पहचाने।
नदिया नित यहाँ कल कल करतीं।
कथा अनेको हमसे कहतीं।।
शीतल गर्म कुंड बुलाते।
निज महिमा वे स्वयं सुनाते।
शिला अनेको शोभा पातीं।
देव भूमि का मान बढ़ातीं।।
