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Share with friendsउसे साधु महाराज को अपनी हक़ की कमाई से भोजन जो कराना था।
Submitted on 04 Feb, 2021 at 15:04 PM
प्रभास अनायास ही श्रद्धावनत होकर उनके पैरों पर झुक गया।
Submitted on 04 Oct, 2020 at 16:24 PM
"जो भी थी वह .... चुड़ैल या पिशाचिनी .. लेकिन बहुत खूंखार थी ।
Submitted on 26 Sep, 2020 at 07:27 AM
"भूखा हूँ मैं भी । दो साल पहले पत्नी गुज़र गयी । तब से...."
Submitted on 15 Aug, 2020 at 02:35 AM
अब उसकी आंसू भरी आंखों में फिर से जीवंतता के हजारों सपने करवटें लेने लगे थे।
Submitted on 15 Oct, 2019 at 08:59 AM
शहजादी रोशन आरा ने फिर जीवन भर विवाह नहीं किया और जब तक जीवित रही उसने महलसरा से बाहर प
Submitted on 21 Sep, 2019 at 12:47 PM
स्टेशन पर यात्रियों के सामान ढोने वाला एक अदना सा कुली अपना और अपने फूल से बच्चे का पेट कैसे भरे ? माधुरी बीमार , रेल कर...
Submitted on 23 Jun, 2019 at 06:44 AM
"हाँ माँ जी ! अब बस। बिना आपकी आज्ञा के अब कहीं नहीं जाएंगे हम।" कह कर गौरी ने सास की गोद में मुंह छुपा लिया।
Submitted on 19 Jun, 2019 at 04:00 AM
हैं निगाहें ज़माने की तन पर गड़ीऔर मेरी नज़र 'श्यामघन' पर अड़ी ।लोग कहने लगे बावरी हो गयीकल्पना भी तुम्हारी मधुर...
Submitted on 13 Jul, 2016 at 06:46 AM