कल्याण कामना
कल्याण कामना
द्युलोक शांति स्वरूप हो,
नित शून्य शांति का रूप हो।
धरणी सनीर व औषधि,
नित शांति रूप अनूप हो।
इस धरा की वनस्पतियाँ,
पितृ पंक्ति के देवता ।
विश्व कर्ता ब्रह्म पूरण,
जगत में शांति स्वरूप हों॥
ॐ शान्तिः॥३॥
