"यादें "
"यादें "
जीवन की अतीत की बातें,
हमें बताती बीती यादें ।।
कभी हँसाती, कभी रुलाती,
कभी सताती बीती यादें ।
जीवन के अतीत की बातें,
हमें बताती बीती यादें ।।
शैशव में निज मातृ अंक से,
बचपन की वह आँख -मिचौली ।
गिनती, ककहरा, हिज्जे करना,
खेल- तमाशे और ठिठोली ।।
रंग - बिरंगी घटनाओं की,
याद दिलाती बीती यादें ।।
कभी हँसाती , कभी रुलाती,
कभी सताती बीती यादें ।।
समय चक्र के परिवर्तन को,
बड़े यत्न से संजोती वो ।
पाठ - पढ़ाई, सन्धि- लड़ाई,
जादू- टोना, मित्र- बन्धु को ।।
कर्म क्षेत्र से धर्म-क्षेत्र तक,
नहीं भुलाती बीती यादें ।।
कभी हँसाती, कभी रुलाती,
कभी सताती बीती यादें ।।
कभी आप में खो जाती वो,
कभी भ्रमण करती है मन में ।
कभी दर्द से आहत होकर,
विरह - व्यथित होती है क्षण में ।।
अपने बिछड़े स्वजनो को भी,
दिखालातीं वो बीती यादें ।।
कभी हँसाती , कभी रुलाती,
कभी सताती बीती यादें ।।
कभी रोष - आमर्ष हर्ष की,
कभी पतन - उत्कर्ष भरी-सी ।
कभी ललित मधुरिम क्रीड़ा में ,
सुधा पिलाती सहमी-डरी-सी ।।
जाने कहाँ गये वो दिन अब,
दिखला देतीं बीती यादें ।।
कभी हँसाती, कभी रुलाती,
कभी सताती बीती यादें ।।
ये बीती यादें जीवन की,
हैं अनमोल खजाने ये ।
इसे रखें मस्तिष्क पटल में,
हीरे और मोती जैसे ।।
कभी न विस्मृत होने पाएँ ,
जीवन- धन बीती यादें ।।
