"तुम बढ़े चलो जीवन पथ पर "
"तुम बढ़े चलो जीवन पथ पर "
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चाहे प्रतिकूल रहे सब भी,
तुम बढ़े चलो जीवन पथ पर ।
संघर्ष करो विश्वास रखो ,
बस चले चलो अपने रथ पर ।।
प्रारम्भ किया तो अर्द्ध हुआ,
फिर शेष तो पूरा होना है ।
अनुकूल सभी हो जाएँगे,
यह सोच धैर्य न खोना है ।।
कर घोर परिश्रम कर्म करो ,
प्रतिफल मीठा होगा निश्चित ।
अनभिज्ञ नहीं इससे कोई,
जीवन रहस्य सबको है विदित ।।
कृतज्ञ रहेगा जग सारा ,
तेरा मेहनत-फल देख यहाँ ।
पथ -दर्शक होंगे कर्म तेरे ,
तुझसा कर्मीष्ठ मिलते हैं कहाँ ।