"रंगों का गीत "
"रंगों का गीत "
हरा देख कर हरा ही सूझता , देखो तो जिस ओर ।
काला अक्षर भैंस बराबर , करना मत यूँ शोर ।
लाल लंगोटी धारी बाबा , भक्ति करे बखान ।
पीला पहना चले शान से , शादी मन में ठान ।।
नीला पहने नीलू बेटा , कहे एक आसमान ।
धरती पर मैं दूसरा नीलू , रखता वैसी शान ।।
रंग बैंगनी लिए है बैंगन , इठलाता है जान ।
किन्तु काँटों ने सब छीना , उसका सब सम्मान ।।