Indra narayan Rai

Others

4  

Indra narayan Rai

Others

सूर्योदय

सूर्योदय

1 min
485



  अरुण आभा से सुसज्जित , प्राची भूतल शान्त है ।

  खिल रहे सरसिज सरों में , भ्रमर शायित क्लान्त है ।।


  किरण रथ आरुढ़ दिनकर ,अरुण लोचन युक्त है ।

  घूरकर है देखता तम को , धरा अब मुक्त है ।।


 रवि किरण फैली चतुर्दिक, एक जैसी भूमि पर ।

 जल- स्थल सागर-गिरि वन- शस्य जन्तु -कृमि पर।।


है यहाँ सुख- चैन समता ,शान्ति का साम्राज्य है ।

मात्र यह संयोग न , रवि नृपति का राज्य है ।।


आइये जल - अर्घ्य से स्वागत् करें रवि राज का ।

स्वगतम् है , स्वागतम् है , दिन-पति सुराज का ।। 

         


Rate this content
Log in