"कुछ पल "
"कुछ पल "
कुछ पल ऐसे होते हैं जो
वे यदा- कदा आया करते ।
जीवन की प्यारी छाँव में वे,
विश्रांति हमें देते रहते ।।
इनकी संख्या कुछ कम होती,
पर बड़े अनोखे हैं होते।
जब जीवन व्याकुल होता तो ,
तब दुःख के भार ये हैं ढोते।।
इनकी गहराई हृदय तल तक,
मस्तिष्क में ये छाये रहते ।
जब - जब एकान्त में हम रहते,
दस्तक देते कुछ हैं कहते ।।
बीते- गुजरे दिन की दुनिया,
कुछ पल मानस में है आती ।
दिल के वो सुनहरे भावों से,
घायल दिल को सहला जाती ।।
तब आह वाह में रंग जाती,
आते जो सुनहरे पल अपने ।
दे टीस हृदय में फिर ये हमें,
दिखला जाते सुन्दर सपने ।।