ऐसी सुन्दर भारती, बोलो कितने नाम जपूं कैसे अपने भाव रखूं ऐसी सुन्दर भारती, बोलो कितने नाम जपूं कैसे अपने भाव रखूं
कुछ तेरे ख्वाबों में, भ्रमण मैं कर लूँ। कुछ तेरे ख्वाबों में, भ्रमण मैं कर लूँ।
सड़क और पगडंडियां कहां एक समान है भ्रमण से होता बुद्धि का विकास है। सड़क और पगडंडियां कहां एक समान है भ्रमण से होता बुद्धि का विकास है।
उसके साथ था गिल्लू खरगोश दोनों पहुंच चुके थे अंतरिक्ष रोहन अंतरिक्ष को देखकर रह गया उसके साथ था गिल्लू खरगोश दोनों पहुंच चुके थे अंतरिक्ष रोहन अंतरिक्ष को देख...
जब अंतस भ्रमण होता हैं, तोड़ भौतिकता के बंधन, जब अंतस भ्रमण होता हैं, तोड़ भौतिकता के बंधन,
राजा को इक दिन ये सूझा चलो थोडी सी चुहल करें। राजा को इक दिन ये सूझा चलो थोडी सी चुहल करें।