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Anita Koiri

Abstract Classics

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Anita Koiri

Abstract Classics

भ्रमण

भ्रमण

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भ्रमण का अपना ही सुख है

झर-झर करता झरना कितना मनोहर है


चिड़ियों की चहचहाहट कितनी मधुर है

गंगा घाट की अपनी दिव्यता है


पहाड़ों में बसता कितना सुन्दर संसार है

भ्रमण का अपना आनंद है


पुरानी इमारतों में छिपा गहरा इतिहास है

जंगलों में रहने वाले वन्य जीवों का अपना परिवार है


समंदर की लहरों की मतवाली चाल है

सड़क और पगडंडियां कहां एक समान है

भ्रमण से होता बुद्धि का विकास है।


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