बारिश वाली लाकडाउन
बारिश वाली लाकडाउन
बारिश किसी के लिए चाय पकौड़ी
किसी के लिए राग बेसुरी
कोई रेनकोट पहनता
कोई मन ही मन रोता
बारिश का अपना राग है
किसी को भाता
किसी को न आता रास है
लाकडाउन की बात निराली
निकाला है इसने करोड़ों का दिवाला
किसी ने बजवाया है थाला
किसी के कंपनी पर पड़ा है ताला
गई किसी की नौकरी
किसी ने जलाई फूलझड़ी
लाकडाउन उपाय एक
ये बढ़ाता है समस्याएं अनेक
जिसके घर पैसे नहीं उसे रोते देखा
अमीर को कभी न भूखे सोते देखा
बच्चों को विद्याविहीन होते देखा
प्रवासियों को कोसों चलते देखा
किसी को रेल से कटते देखा
नेता को सीना फुलाते देखा
स्कूल कालेज बंद कर
चुनावी रैलियां होती खुल कर
बस अब ये सब बातें बंद कर
बता, चुनाव के बाद तेरे जीवन में आया कोई अंतर?