बूंदें तो आज मनमोहिनी बन आई लूट के करार मेरा बड़ा ही तड़पा। बूंदें तो आज मनमोहिनी बन आई लूट के करार मेरा बड़ा ही तड़पा।
दुखों के सैलाब में खुदको बहाया हँसी ठिठोली करके हमारे मन को बहलाए। दुखों के सैलाब में खुदको बहाया हँसी ठिठोली करके हमारे मन को बहलाए।
मैंने आज चाँद का अनोखा खेल देखा मैंने आज चाँद का अनोखा खेल देखा
कहाँ गए वो झूले जहाँ मैं रोज़ झूला करती थी। कहाँ गए वो झूले जहाँ मैं रोज़ झूला करती थी।
चढ़ी नहीं जो आज कहीं तो फिर कैसी इसकी ठिठोली है! होली है! भाई होली है! चढ़ी नहीं जो आज कहीं तो फिर कैसी इसकी ठिठोली है! होली है! भाई होली है!
बज रहे हैं ढोल-ताशे जीत की ये रात है आ गई होली-ठिठोली की ये ऋतु क्या बात है! बज रहे हैं ढोल-ताशे जीत की ये रात है आ गई होली-ठिठोली की ये ऋतु क्या बात है!