चाँद
चाँद


बादलों की छांव में चाँद देखा
उसके पास टिमटिमाता तारा भी देखा
कभी छिपता तो कभी दिखता
मैंने आज चाँद का अनोखा खेल देखा
कभी मुस्कुराता तो कभी उदास होता
मैंने उसके हँसी-ठिठोली का छोटा-सा
हिस्सा देखा ।
बादलों की छांव में चाँद देखा
उसके पास टिमटिमाता तारा भी देखा
कभी छिपता तो कभी दिखता
मैंने आज चाँद का अनोखा खेल देखा
कभी मुस्कुराता तो कभी उदास होता
मैंने उसके हँसी-ठिठोली का छोटा-सा
हिस्सा देखा ।