Shubhi Agarwal
Inspirational Others
शक्ति तू, रूपा तू
काली तू, चन्द्रघण्टा तू
दुर्गा तू, गायत्री तू
माँ भी तू, देवी भी तू
तू ही तू देवी की महारानी तू
जिंदगी का खेल
जिंदगी की पहल...
हर कोई एक सा ...
जिम्मेदारियां
माँ शक्ति
क़लम की जुबा
स्त्री
स्त्री होना आ...
मोहब्बत
रंग भेद
मुश्किल भरी डगर हो फिर भी, हार करो स्वीकार नहीं मुश्किल भरी डगर हो फिर भी, हार करो स्वीकार नहीं
संस्कार वो स्तंभ है जो संस्कृति को आधार देता है. संस्कार वो स्तंभ है जो संस्कृति को आधार देता है.
प्रकृति संरक्षण और जीवन रक्षण हित, आज हम सब ही करें इसकी शुरुआत। प्रकृति संरक्षण और जीवन रक्षण हित, आज हम सब ही करें इसकी शुरुआत।
ज़िन्दगी और मौत के बीच सिवाय तड़प के कुछ नहीं। ज़िन्दगी और मौत के बीच सिवाय तड़प के कुछ नहीं।
असंभव नामक शब्द डिक्शनरी से हटा दो. असंभव नामक शब्द डिक्शनरी से हटा दो.
हमारे बचपन की किलकारियां कितनी मोहक और प्यारी। हमारे बचपन की किलकारियां कितनी मोहक और प्यारी।
मुश्किल भरे समय में मैंने, संग आपको पाया। मुश्किल भरे समय में मैंने, संग आपको पाया।
तिमिर प्रतीक है अज्ञान का, और ज्ञान का प्रतीक प्रकाश। तिमिर प्रतीक है अज्ञान का, और ज्ञान का प्रतीक प्रकाश।
एक स्त्री जब एकांत वास करती है, तब स्वयं से प्रश्न पूछती है, तुम कौन हो ? एक स्त्री जब एकांत वास करती है, तब स्वयं से प्रश्न पूछती है, तुम कौन हो ...
ज़िन्दगी फिर चल पड़ी है, जाने कैसी चाह में. ज़िन्दगी फिर चल पड़ी है, जाने कैसी चाह में.
जिनको कद्र नही है,फूल की वो क्या जाने पीड़ा शूल की। जिनको कद्र नही है,फूल की वो क्या जाने पीड़ा शूल की।
हर इंसान का एक सहारा बस उसका ही रब होता है। हर इंसान का एक सहारा बस उसका ही रब होता है।
मैं चली इठला के झर झर पिया मिलन मैं होके आतुर। मैं चली इठला के झर झर पिया मिलन मैं होके आतुर।
भारत विभिन्नताओं का देश है, अलग - अलग भाषा है, भिन्न-भिन्न वेश है। भारत विभिन्नताओं का देश है, अलग - अलग भाषा है, भिन्न-भिन्न वेश है।
हरियाली ही हरियाली हो ... ऐसा अपना संसार हो ! हरियाली ही हरियाली हो ... ऐसा अपना संसार हो !
राह कठिन है जीवन की जैसे शतरंज की बाज़ी! राह कठिन है जीवन की जैसे शतरंज की बाज़ी!
ख़्वाब मैने भी देखे थे, जो मुक्कमल ना हुए। ख़्वाब मैने भी देखे थे, जो मुक्कमल ना हुए।
शैतान बुराइयों का राजा, भगवान अच्छाइयों का अधिष्ठाता होता है. शैतान बुराइयों का राजा, भगवान अच्छाइयों का अधिष्ठाता होता है.
आप तो मरकर भी जीने का सम्मान लीजिए। दकियानूसी विचारों से बाहर निकलिए आप तो मरकर भी जीने का सम्मान लीजिए। दकियानूसी विचारों से बाहर निकलिए
जहाँ इंद्रधनुषी रंगों सी संस्कृति की बहार है! जहाँ इंद्रधनुषी रंगों सी संस्कृति की बहार है!