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Shubhi Agarwal

Abstract

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Shubhi Agarwal

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क़लम की जुबा

क़लम की जुबा

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क़लम शोर नहीं करती 

क़लम तो बस लिखना जानती है 

क़लम शोर नहीं करती 

क़लम तो बस अल्फ़ाज़ सजाना जानती है ।

क़लम शोर नही करती 

क़लम तो हमारे अंदर के शोर को कहानियों मे बयां करती है ।


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