क़लम की जुबा
क़लम की जुबा


क़लम शोर नहीं करती
क़लम तो बस लिखना जानती है
क़लम शोर नहीं करती
क़लम तो बस अल्फ़ाज़ सजाना जानती है ।
क़लम शोर नही करती
क़लम तो हमारे अंदर के शोर को कहानियों मे बयां करती है ।
क़लम शोर नहीं करती
क़लम तो बस लिखना जानती है
क़लम शोर नहीं करती
क़लम तो बस अल्फ़ाज़ सजाना जानती है ।
क़लम शोर नही करती
क़लम तो हमारे अंदर के शोर को कहानियों मे बयां करती है ।