सब जाहिर कर देने के बाद भी लगे मेरी हर बात अनकही! सब जाहिर कर देने के बाद भी लगे मेरी हर बात अनकही!
अल्फाज़ आज भी वही हैं मेरे पर तेरे देखने का नजरिया ही बदल गया! अल्फाज़ आज भी वही हैं मेरे पर तेरे देखने का नजरिया ही बदल गया!
मत लगाओ न बोली अपने अल्फाजों की मैने लिखना शुरु किया तो निलाम हो जाओगे! मत लगाओ न बोली अपने अल्फाजों की मैने लिखना शुरु किया तो निलाम हो जाओगे!
कलम ख़ामोश नहीं कलम ख़ामोश नहीं
जो माँ मैं तेरे बारे में लिख सकूँ, हर उम्मीद पर खरा उतर जाऊँगा, पर माँ मैं तेरे बारे में लिख नहीं ... जो माँ मैं तेरे बारे में लिख सकूँ, हर उम्मीद पर खरा उतर जाऊँगा, पर माँ मैं तेर...
खुद की रूह से, मैंने रुखसत ले ली ! खुद की रूह से, मैंने रुखसत ले ली !