सब जाहिर कर देने के बाद भी लगे मेरी हर बात अनकही! सब जाहिर कर देने के बाद भी लगे मेरी हर बात अनकही!
तुझ तक या ख़ुदा तक ये इश्क़ ही लेकर जायेगा तुझ तक या ख़ुदा तक ये इश्क़ ही लेकर जायेगा
मैंने कह दिया लफ़्ज़ों से अपने मैंने कह दिया लफ़्ज़ों से अपने
बहुत कुछ महसूस किया, पर हाले दिल कभी ना ज़ाहिर किया बहुत कुछ महसूस किया, पर हाले दिल कभी ना ज़ाहिर किया
वक़्त बीत गया मन भरता गया जो था ना करना, करता गया वक़्त बीत गया मन भरता गया जो था ना करना, करता गया