Debashish Nandan
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मेहराबों के हाशियों पे बनी
नक्काशियों में लिखी
हर लफ़्ज़ ज़ाहिर कर रही
तुझ तक या ख़ुदा तक
ये इश्क़ ही लेकर जायेगा
तुझ तक और ख़ुदा तक
ज़िंदा हूं
तुम्हारी आंखे...
ग़म-आमादा
जम्हूरियत
ख़्वाहिशें
इश्क़