ग़म-आमादा
ग़म-आमादा
ख़ुश रहने की ख़ुशफ़हमी
की भी इस दिल से न उम्मीद है।
सोचता हूँ छोड़ दूँ
कोशिश अब ख़ुश होने की।
हर टुकड़ा दिल का ग़म-आमादा है
ख़ुश रहने की ख़ुशफ़हमी
की भी इस दिल से न उम्मीद है।
सोचता हूँ छोड़ दूँ
कोशिश अब ख़ुश होने की।
हर टुकड़ा दिल का ग़म-आमादा है