I'm Debashish and I love to read StoryMirror contents.
जीने को और क्या चाहिए सर पे छत है थाली में रोटी है! जीने को और क्या चाहिए सर पे छत है थाली में रोटी है!
हर बार जब नज़रों से ओझल होते हो तुम सड़क के उस मोड़ पर शायद बेहिसाब बरसती हैं हर बार जब नज़रों से ओझल होते हो तुम सड़क के उस मोड़ पर शायद बेहिसाब बरसती ...
सोचता हूँ छोड़ दूँ कोशिश अब ख़ुश होने की। सोचता हूँ छोड़ दूँ कोशिश अब ख़ुश होने की।
हर दफ़ा तेरा दिल मुझे चुने हर दफ़ा तेरा दिल मुझे चुने
तस्वीर उसकी दूरियों के ज़ख्म रफू कर गयी पर अब पैबंद से झांकतीं हसरतों का क्या करूँ? तस्वीर उसकी दूरियों के ज़ख्म रफू कर गयी पर अब पैबंद से झांकतीं हसरतों ...
तुझ तक या ख़ुदा तक ये इश्क़ ही लेकर जायेगा तुझ तक या ख़ुदा तक ये इश्क़ ही लेकर जायेगा