खबर ही नहीं हुई कब, खूबसूरत सी किताब बन गया। खबर ही नहीं हुई कब, खूबसूरत सी किताब बन गया।
इस बात का तुझे इल्म नहीं मैं कोरा कागज़ नहीं और तू मेरी कलम नहीं। इस बात का तुझे इल्म नहीं मैं कोरा कागज़ नहीं और तू मेरी कलम नहीं।
कुछ बूँदें आस की चलक ही आती हैं मेरे चेहरे पर भी मेरे लिए तुम उन बूंदों की ठंडक हो। कुछ बूँदें आस की चलक ही आती हैं मेरे चेहरे पर भी मेरे लिए तुम उन ...
सोचता हूँ छोड़ दूँ कोशिश अब ख़ुश होने की। सोचता हूँ छोड़ दूँ कोशिश अब ख़ुश होने की।
वही बच्चा उनकी परछाई बन कर खड़ा होता है। वही बच्चा उनकी परछाई बन कर खड़ा होता है।
यूँ टुकड़ों में बँटकर ही ज़िन्दगी गुज़र जाती है। यूँ टुकड़ों में बँटकर ही ज़िन्दगी गुज़र जाती है।