मरणा जीणा देखलो, इक दूजे के संग। मरणा जीणा देखलो, इक दूजे के संग।
साथ ना छोड़ना कभी चाहे कितनी भी पथरीली हो डगर। साथ ना छोड़ना कभी चाहे कितनी भी पथरीली हो डगर।
एक पेड़, अपने आप में जंगल हो सकता है जाने कितने पंछियों को घर गिलहरियों को कोटर एक पेड़, अपने आप में जंगल हो सकता है जाने कितने पंछियों को घर गिलहरियों...
मैं सुलभा, सुचेतना, प्रकृति मेरा अंदाज़ भी। ... मैं सुलभा, सुचेतना, प्रकृति मेरा अंदाज़ भी। ...
मिल जुल के सब रहते यहाँ पे प्यार भरा मेरा सुन्दर देश मिल जुल के सब रहते यहाँ पे प्यार भरा मेरा सुन्दर देश
जुड़ते जहाँ अनेक बन्धन, दो विभिन्न परिवारों में। जुड़ते जहाँ अनेक बन्धन, दो विभिन्न परिवारों में।