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Akanksha Gupta (Vedantika)

Abstract

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Akanksha Gupta (Vedantika)

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विवाह भारत में

विवाह भारत में

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विवाह विधान की अनोखी छटा

बिखर जाती है भारत में।

जुड़ते जहाँ अनेक बन्धन,

दो विभिन्न परिवारों में।


दामाद बन जाता है बेटा,

बहु बेटी बन जाती है।

दोनों की मुस्कुराहट से,

परिवारों में खुशियाँ

बिखर जाती है।


देवर ननद का रिश्ता अतरंगी,

हमराज बन जाते है।

सास ससुर

मार्गदर्शक बनकर,

सच्ची राह दिखाते हैं।


एक नया संसार अनोखा,

दोनों मिलकर बनाते है।

जिम्मेदारी का मिल बांट कर,

दोनों भार उठाते हैं।


विवाह विधान की अनोखी छटा

बिखर जाती है भारत में।

जुड़ते जहाँ अनेक बन्धन,

दो विभिन्न परिवारों में।


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