दिल की नज़र से
दिल की नज़र से


दिल की नज़र से देखता हूँ तुम्हें
तो मुझे मेरा खुदा नज़र आता है
तेरी सादगी उतरती है मेरी रूह में
तेरा हर अंदाज़ जुदा नज़र आता है
तेरे हुस्न से मरऊब है ये महफिल
हर इंसान गुमशुदा नज़र आता है
यगाना हुआ मंज़र तेरी हँसी से आज
हुआ महताब बेपर्दा नज़र आता है
दिल की नज़र से तेरे अश्क़ छुपे नहीं
हर आलम ग़मज़दा नज़र आता है
हुए क़त्ल कितनी ही ख़्वाहिशों के
हर ख़्वाब एक हबाब नज़र आता है
दिल की नज़र से मैं देखता हूँ तुझको
मुझे मेरा नया संसार नज़र आता है
इस नज़र में बसे तुम ही तुम हो अब
इस नज़र को तेरा प्यार नज़र आता है।