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माँ मैं तेरे बारे लिख ना सकूँ

माँ मैं तेरे बारे लिख ना सकूँ

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चलों हम शब्द कोष के उपवन में,

शब्दों के नये पौधे लगाते हैं,

जरा रुक हम तेरे बारे में लिखते हैं,

चलों हम शब्द कोष के उपवन में,

शब्दों के नये पौधे लगाते हैं।


जरा ठहर जाओ,

हम तुम्हें कुछ बताते हैं,

लिखना तो बहुत कुछ चाहते हैं,

पर हम माँ के बारे में लिख नहीं पाते हैं,

इतना अभी कहाँ आता है।


हमें लिखना,

जो माँ मैं तेरे बारे में लिख सकूँ,

हर उम्मीद पर खरा उतर जाऊँगा,

पर माँ मैं तेरे बारे में लिख नहीं पाऊँगा।


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