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Ashwani Kumar Tiwari

Drama Classics Inspirational

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Ashwani Kumar Tiwari

Drama Classics Inspirational

अगर मै लिखता !

अगर मै लिखता !

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अगर मैं लिखता हूँ, तो ऐसी होगी शैली,

जहाँ बिंदु-बिंदु संग्रहित हो समस्त संवेदनाएं।

व्याकुलता और सुरमई अर्थों के नये विचार,

छायेंगे शब्दों के पर्वत पर, उठेंगे उच्छ्वास।


रंगीन अलंकारों से सजी, आभूषित होगी छंद,

ताल की बोध और संगीत की आत्मा के साथ।

उठेंगे गीतों के स्वर, सुलगेंगे भावनाओं के विराम,

प्रवाहित होंगे विचार, जैसे नदी के पानी की धार।


ह्रदय में छायेंगे प्रेम के रंग उमड़े,

मिलेंगे दरिया, समुद्र, तारा, चंद्र, धूप, छाया।

दर्पण बनेंगे शब्द, प्रतिबिंब करेंगे अनुभवों को,

अनन्तता के आधार पर सबको मिलेगा पहचानों को।


सुनेगी कविता की क्षितिज से आवाज,

छेड़ेगी अंतरिक्ष के तारों की दूरी,

उड़ेंगे इमारतों के दीवारों से सीने,

मिटेंगी जीवन के सारे अवरोधी खिड़की।


इस कविता की शैली में छुपी होंगी अनगिनत भावनाएं,

शब्दों के मंजीर में बंद होंगे। 


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