Ashwani Kumar Tiwari
Romance Inspirational
हुजूर ये स्कूल नहीं, ये दिल कस नजारा है,
मुझे गौर से देखने वाला, मुझसे कहीं ज्यादा प्यारा है।
कोई देखे ना उसे, नजरों के उस फेर से
वो मेरा दिल है, दिलदार है, मेरी जान से भी प्यार है।
आम का पेड़ !
मेरा नाम!
अगर मै लिखता ...
प्यार ही प्या...
कुछ भी कर सकत...
स्कूल वाला प्...
स्कूल लाइफ
नैनों से ही पुकारते हो, गीत मिलन के गाते हो।। नैनों से ही पुकारते हो, गीत मिलन के गाते हो।।
तुम्हारी मुस्कानो से, सिर्फ एक सवाल, तुम कब आओगी? तुम्हारी मुस्कानो से, सिर्फ एक सवाल, तुम कब आओगी?
रंग के त्यौहार में रंगीनियों को सींच दें। अश्क सारे सूख जायें। रंग के त्यौहार में रंगीनियों को सींच दें। अश्क सारे सूख जायें।
एक मोहब्बत करके जानम दो दिल बैठे उलझन में.. एक बड़े कमरे में रोता एक मटीले आँगन में... एक मोहब्बत करके जानम दो दिल बैठे उलझन में.. एक बड़े कमरे में रोता एक मटीले आँ...
अरसों बाद हिम्मत कर फोन लगा दिया मेरी आवाज़ उसकी आवाज़ से मिलाए कैसे अरसों बाद हिम्मत कर फोन लगा दिया मेरी आवाज़ उसकी आवाज़ से मिलाए कैसे
एक बार कर ले जो तू मुझ पर एतबार...। मैं फिर से तुम पर अपनी सारी जिन्दगी लुटाऊंगा.. एक बार कर ले जो तू मुझ पर एतबार...। मैं फिर से तुम पर अपनी सारी जिन्द...
फिर मुलाक़ात होगी शायद यही सोचकर थोड़ा और जी लेता हूँ। फिर मुलाक़ात होगी शायद यही सोचकर थोड़ा और जी लेता हूँ।
प्यार में पागल होने दो। आज हूँ मैं, क्या पता कल जिंदगी रहे ना रहे। प्यार में पागल होने दो। आज हूँ मैं, क्या पता कल जिंदगी रहे ना रहे।
क्यों छुपाये बैठी हो क्यों भावनाएँ दबाये बैठी हो! क्यों छुपाये बैठी हो क्यों भावनाएँ दबाये बैठी हो!
हे मत्स्य कन्या तुम कल्पना हो या के साकार सत्य समुद्र रेत पर। हे मत्स्य कन्या तुम कल्पना हो या के साकार सत्य समुद्र रेत पर।
वो कला जिसका हर रंग, मन को भाए। राधा की पायल, कान्हा की धुन बन जाये! वो कला जिसका हर रंग, मन को भाए। राधा की पायल, कान्हा की धुन बन जाये!
याद तेरी, रातों के ख्वाब बनाकर, आती है मुझे खुशबू, गुलाब बनकर। याद तेरी, रातों के ख्वाब बनाकर, आती है मुझे खुशबू, गुलाब बनकर।
समझनी आज हमें पुनः प्रेम की परिभाषा है , प्रेम पहनना,प्रेम ओढ़ना, बस इसमे ही रंग जाना समझनी आज हमें पुनः प्रेम की परिभाषा है , प्रेम पहनना,प्रेम ओढ़ना, बस इसम...
होली में एक रंग हो तेरे गांव से, कुछ गुलाल मैं भेजूं अपने गांव से! होली में एक रंग हो तेरे गांव से, कुछ गुलाल मैं भेजूं अपने गांव से!
या रब सी सूरत वाली, तुम खाबों में ही रहती तो सब सही रहता! या रब सी सूरत वाली, तुम खाबों में ही रहती तो सब सही रहता!
अगर एक बार कोई उसे पढ़ ले तो फिर उसे कोई खोना नहीं चाहता । अगर एक बार कोई उसे पढ़ ले तो फिर उसे कोई खोना नहीं चाहता ।
बांहों में एक सिहरन सी, पास आने की किसी की आस हो जैसे। बांहों में एक सिहरन सी, पास आने की किसी की आस हो जैसे।
तुम संग खेली होली ,वह भुलाई नहीं जाती। इंतजार है उसी पल का, जो मिटाई नहीं जाती तुम संग खेली होली ,वह भुलाई नहीं जाती। इंतजार है उसी पल का, जो मिटाई नहीं जा...
तन तूने रँग डाला मेरा अब मन भी रँग डाल सँवरिया। तन तूने रँग डाला मेरा अब मन भी रँग डाल सँवरिया।
फाग आया है निराला तूने कैसा रंग डाला पायल छनक गई मन हुआ मतवाला। फाग आया है निराला तूने कैसा रंग डाला पायल छनक गई मन हुआ मतवाला।