STORYMIRROR

keshav soni

Romance

5.0  

keshav soni

Romance

तुम जीवन की अभिलाषा

तुम जीवन की अभिलाषा

1 min
661


अर्ध मौन, अर्ध अभिव्यक्ति तुम 

तुम अर्ध प्रेम की भाषा 

अर्ध मोह अर्ध मोक्ष तुम 

तुम जीवन की अभिलाषा 


अर्ध जित-अजित, 

अर्ध मनमीत तुम 

अर्ध स्वप्न, अर्ध प्रमाण तुम, 

अर्ध खलिश अर्ध आशा-ओ-निराशा 


अर्ध गीत अर्ध संगीत तुम

अर्ध आस अर्ध विश्वास तुम

अर्ध शांति अर्ध त्रास तुम


अर्ध मंदिर, अर्ध हरम तुम

अर्ध वैराग्य, अर्ध भ्रम तुम

अर्ध तृप्ति, अतृप्ति अर्ध तुम

गण, गन्धर्व और देवो की पिपासा


<

p>अर्ध शक्ति, अर्ध भक्ति तुम

अर्ध लक्ष्मी अर्ध वामा

अर्ध श्रुता अर्ध गीता तुम

अर्ध रुक्मिणी अर्ध सत्यभामा


अर्ध काया अग्नि तुम्हारी 

पानी अर्ध काया 

अर्ध द्रोपती पांडवो की

अर्ध मोहन की माया


अर्ध ज्ञान, अर्ध विज्ञान तुम

अर्ध ग्रन्थ अर्ध पुराण तुम

अर्ध मान, अर्ध स्वाभिमान तुम

अर्ध नहीं श्रीहरि के प्राण तुम


हे अर्धांगिनी श्रुता!!! 

सबकुछ तुझमे अर्ध-अर्ध है 

पर तुम हो "मेरे जीवन की सम्पूर्ण परिभाषा"। 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance