इस किताब के कुछ पन्नो को, इसलिए कोरा ही रहने दिया...। इस किताब के कुछ पन्नो को, इसलिए कोरा ही रहने दिया...।
परवाने को भी होश कहाँ था, जब तक शमा रही वह जीता रहा, शमा बुझते ही परवाना भी राख हुआ... परवाने को भी होश कहाँ था, जब तक शमा रही वह जीता रहा, शमा बुझते ही परवाना भी...
शैतान से देखो डर कर सब कर मेल रहे हैं । जीवन के पर्दे पर हम तुम खेल रहे हैं ।। शैतान से देखो डर कर सब कर मेल रहे हैं । जीवन के पर्दे पर हम तुम खेल रहे हैं ।...
मेरी कहानी पढोगे ? मैं तिश्नगी के कुछ अफ़साने बतलाऊंगा मेरे साथ बैठोगे ? मैं कहानियां सुनाऊंगा | मेरी कहानी पढोगे ? मैं तिश्नगी के कुछ अफ़साने बतलाऊंगा मेरे साथ बैठोगे ? मैं कहा...
हाँ नही बनी मैं कविता के लिए इसलिए कथा लिख जाती हूँ। हाँ नही बनी मैं कविता के लिए इसलिए कथा लिख जाती हूँ।
कि रोना नहीं तुम इस चिट्ठी को पढ़कर कसम है तुम्हें मेरी, कि हर सूरज की किरण के बाद आती है रात अंधेर... कि रोना नहीं तुम इस चिट्ठी को पढ़कर कसम है तुम्हें मेरी, कि हर सूरज की किरण के ...