तेरी गज़ल
तेरी गज़ल
मधुर सुरीला स्वर है तेरा,
मुझे पंचम का सूर मिलाने दे,
दिल की धड़कन मिलाकर उसमें,
तेरी गज़ल मुझे गाने दे।
अद्भुत महक है तेरे हुस्न की ,
तेरे हुस्न में मुझ को बहने दे,
तेरे हुस्न में दीवाना बनकर,
तेरी गज़ल मुझे गाने दे।
दिल का मैखाना खुला है मेरा
इश्क का ज़ाम मुझे छलकाने दे,
ज़ाम के नशे में मदहोश बनकर,
तेरी गज़ल मुझे गाने दे।
तू है मेरे सपनों की मल्लिका,
सपनों का ताज़ महल मुझे बनाने दे,
इश्क की इबादत करके "मुरली",
तेरी गज़ल मुझे गाने दे।

