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रिपुदमन झा "पिनाकी"

Drama Romance Classics

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रिपुदमन झा "पिनाकी"

Drama Romance Classics

इन्हीं दिनों में

इन्हीं दिनों में

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इन्हीं दिनों में हम-तुम करीब आए थे

इन्हीं दिनों में हम खुलके मुस्कुराए थे।


इन्हीं दिनों में तो चाहत जवाँ हुई अपनी

इन्हीं दिनों में हम जीना सीख पाए थे।


इन्हीं दिनों में मोहब्बत का अपना वादा था,

इन्हीं दिनों में साथ जीने का इरादा था।


इन्हीं दिनों में हमने ख़्वाब बहुत देखे थे

इन्हीं दिनों में मैं ख़ुश बहुत जियादा था।


इन्हीं दिनों में ख्वाहिशों को नया रंग मिला

इन्हीं दिनों में तो जीने का नया ढंग मिला।


इन्हीं दिनों में ज़िंदगी मेरी परवान चढ़ी

इन्हीं दिनों में तमन्नाओं को उमंग मिला।


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