राखी
राखी
राखी का पावन ये त्यौहार आया।
अनुपम ख़ुशी का है उपहार लाया।
कच्ची है डोरी अखंडित है बंधन-
पिरोकर अपार स्नेह भंडार लाया।
कुँकुम का माथे पे टीका लगाएं।
करें आरती गीत आशीष गाएं।
कलाई पे राखी का बाँधा है धागा-
बहन भाई के ले रही हैं बलाएं।
वचन ले रही है, वचन दे रही है।
सजल नैन आशीष धन दे रही है।
जुग जुग जिये मेरा भैया सुखी हो
दुलार और ममता बहन दे रही है।
ओ भैया मेरे साथ हर पल निभाना।
अपनी बहन को कभी न भुलाना।
जीवन में सुख हो या दुःख कोई आए-
रहना सदा संग न करना बहाना।
जीवन में हरदम ही हंँसना हंँसाना।
सूरज औ चँंदा सा तुम झिलमिलाना।
चमकती रहे तेरी तारों सी दुनिया-
दिये की तरह तुम सदा जगमगाना।