तेरी यादों की बारिश
तेरी यादों की बारिश
1 min
363
यादो में तेरी ,हम तो खोए थे ऐसे की,
हम अपने आपको ही भूल गए जी,
सजना संवरना आपका कुछ इस तरह की,
हम आज भी भुला नहीं पाते है, आपको,
यूँ ही बरस जाते है, बारिश की बूंदें,
सैलाब सा ही उठा इस समंदर से,
जाने क्यों याद आते है वो, हमको,
भूलके भी भुला नहीं पाते,उनकी यादों को,
हमें क्या पता था,की साझ टूटा था,
लहरें टकराती है,इन पत्थरों से,
फिर भी किनारा कहा मिलता है, उनको,
बहते गए आंखों के बादल, हमारे,
भिगोते गए हमे, लहरे बनकर वो,
गरज के बरसे वो कुछ ऐसे की,
हम रह गए तेरी यादों की बारिश बनकर।