खूदा की कयामत
खूदा की कयामत
हूश्न तेरा बेसूमार है,
तूं खूदा की कयामत है,
नहीं रहे शकते तेरे बिना जानेमन,
मुजे तुजसे मोहब्बत है।
खूब सूरत है चहेरा तेरा,
जो हमे दिवाना बनाता है,
तुजको देखकर सूरज भी बादलोंमें,
शरमा के छूप जाता है।
नैना तेरे कज़रारे है,
अधर तेरे रसीलें है,
नहीं रहे शकते तेरे बिना जानेमन,
मुजे तुजसे मोहब्बत है।
चैन चूराता है हूश्न तेरा,
जो ख्वाबोंमें भी सताता है,
चांद भी मेरी हालत देखकर,
व्यंगमें मुस्कुराता है।
पलकें तेरी शरारती है,
मुजे परेशान बनाती है,
नहीं रहे शकते तेरे बिना ज़ानेमन,
मुझे तुजसे मोहब्बत है।