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Amit Singhal "Aseemit"

Abstract Drama Tragedy

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Amit Singhal "Aseemit"

Abstract Drama Tragedy

सूखा गुलाब का फूल

सूखा गुलाब का फूल

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जब हम दोनों मोहब्बत करते थे एक दूसरे से बेशुमार।

चढ़ा हुआ इन दोनों दिलों पर इश्क़ मोहब्बत का खुमार।


तब तुमने मुझे दिया था गुलाब का एक फूल चूम कर।

रख लिया था मैंने जिसको डायरी के अंदर संभालकर।


आज अपनी अलमारी को साफ़ करते हुए कुछ मिला।

वही डायरी जिसमें हम लिखते थे प्यार शिकवा गिला।


क्या तुम जानती हो कि क्या मिला मुझे इस डायरी से।

खज़ाना सा भरा था तुम्हारे लिए लिखी हुई शायरी से।


और उसके अंदर मिला मुझे एक सूखा गुलाब का फूल।

जो तब महकता था खुशबू से मगर आज खा रहा था धूल।


उस फूल को निहारते हुए मेरी आँखों से आँसू बह गया।

आँसू सूखे गुलाब के फूल पर गिरा तो वह हैरान रह गया।


वह सूखा गुलाब का फूल नरमी पाकर थोड़ा सा खिला।

पूछा यह बताओ मुझे ख़ुद के पास रख कर क्या मिला।


तुम फेंक देते मुझे जब वह चली गई थी करके बेवफ़ाई।

जब जब मुझे देखा तुम्हें उसकी बेवफ़ाई ही याद आई।


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