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Amit Singhal "Aseemit"

Abstract Drama

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Amit Singhal "Aseemit"

Abstract Drama

होली

होली

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पवित्र अग्नि में वरदान प्राप्त होलिका का हुआ दहन।

जो असुर राजा हिरण्यकश्यप की थी बहुत प्रिय बहन।


ईश्वर की सच्ची भक्ति से बाल प्रह्लाद के प्राण बच गए।

छल कपट मिथ्या पर सत्य की जीत के नगाड़े बज गए।


तभी से प्रति वर्ष यह होली का शुभ पर्व है मनाया जाता।

फागुन मास की पूनम में लकड़ियों को है जलाया जाता।


इसके बाद सुबह से सतरंगी छटा बिखरती है चारों ओर।

गुलाल व रंग लेकर टोली में घूमते लोग मचाते हुए शोर।


लाल, हरा, पीला, नीला, गुलाबी, केसरिया रंग है बरसे।

होली का दिन है आता तो कोई भी खुशी को न तरसे।


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