सीख परमात्मा की
सीख परमात्मा की
यदि सदैव सीख परमात्मा की याद तू पाएगा रख।
तब ही जीवन का शुद्ध सच्चा सुख तू पाएगा चख।
परमात्मा ने सिखाया है, अपने कर्मों पर विश्वास।
नहीं रखनी है, किसी दूसरे से दया दान की आस।
कभी किसी असहाय या रोगी को मत देना कष्ट।
न खेलना द्यूत क्रीड़ा, क्योंकि इससे बुद्धि हो भ्रष्ट।
नारी का अपमान करना सबसे बड़ा होता है पाप।
उस अपमानित नारी का लगता है पापी को श्राप।
सत्य का साथ देना ही सबसे महान होता है धर्म।
अन्याय के विरुद्ध लड़ना ही सबसे अच्छा है कर्म।