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Amit Singhal "Aseemit"

Abstract Drama

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Amit Singhal "Aseemit"

Abstract Drama

मैंने यह दुनिया बहुत देखी

मैंने यह दुनिया बहुत देखी

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मैंने यह दुनिया बहुत देखी।

मैं घूमा हूं यहां से वहां।


लोगों की फ़ितरत परखी।

न जाने कहां से कहां।


तूने मुझे इतना सब दिया।

वह न दे पाया ये जहां।


वक्त ने सितम ऐसा ढाया।

वक्त तेरे देने का आया।


मेरे यार तू तैयार हो गया।

वह देने को जो मैं न दे पाया।


तूने तो कर दी अपनी जान।

अपने इस यार पर कुर्बान।


खुशनसीब हूं मिला तेरा साया।

और जो तेरे जैसा यार पाया।


तू मेरी दौलत बेहिसाब बेइंतेहां।

सच है कि तेरे जैसा यार कहां।


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