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Shakshi Kumari

Drama Romance

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Shakshi Kumari

Drama Romance

तु रूठा ना कर

तु रूठा ना कर

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तेरे बिना जग आधी आधी लगती है 

सावन की हरियाली भी बैगानी सी लगती है

तु रूठा ना कर ऐ मेरे हमदम

तेरे बिन मैं खुद आधी आधी सी लगती हूं।।


तेरे बिन हंसना जैसे मैं भूल ही जाती हूं

तेरे बातों को ही मैं हर पल दोहराती हूं

तु रूठा ना कर ऐ मेरे सनम

तेरे बिन मैं हर पागल सी होती हूं।।


तेरे बिन हर पल अंजानी सी लगती है

सांझ - सबेरा सब बेगानी सी लगती है

तु रूठा ना कर ऐ मेरे हमदम

तेरे प्यार में मैं हर पल दिवानी सी लगती हूं।।


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